इस पोस्ट में Important Sangam Kaal MCQ दिए गए हैं जो दक्षिण भारत के चेर, चोल, और पांड्य राजाओं के साथ साथ संगम युग के इतिहास, साहित्य, संस्कृति और समाज को समझने में मदद करेंगे। यह प्रश्न उत्तर UPSC, SSC, रेलवे और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों के लिए बहुत ही उपयोगी है।
Sangam Kaal MCQ | संगम युग से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न
(Q) संगम साहित्य में ‘तोलकाप्पियम’ किसका ग्रंथ है ?
(a) तमिल काव्य
(b) तमिल व्याकरण
(c) तमिल वास्तुकला
(d) तमिल राजनीति
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उत्तर ➲ उत्तर: (b)
- तोलकाप्पियम संगम युग का सबसे प्राचीन ग्रंथ है और यह तमिल साहित्य में उपलब्ध सबसे पुराना ग्रंथ माना जाता है।
- इसके रचयिता तोलकाप्पियर थे, जो संत अगस्त्य के 12 शिष्यों में से एक थे।
- यह ग्रंथ तमिल भाषा के व्याकरण और काव्य शास्त्र पर आधारित है।
- इसमें तीन भाग हैं जो क्रमशः “एझुथु” (अक्षर), “सोल” (शब्द), और “पुरुल” (विषय-वस्तु) पर चर्चा करते हैं।
(Q) ‘शिलप्पदिकारम’ महाकाव्य के लेखक कौन थे ?
(a) इलंगो
(b) परमार
(c) करिकाल
(d) विष्णु स्वामी
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उत्तर ➲ उत्तर: (a)
- शिलप्पदिकारम तमिल साहित्य का एक प्रसिद्ध महाकाव्य है, जिसे इलंगो अदिगल ने लिखा था। वे चोल राजा करिकाल के पोते थे।
- यह महाकाव्य कन्नगी और उसके पति कोवलन की दुखद कहानी को प्रस्तुत करता है।
(Q) सूची- I और सूची- II को मिलाकर सही उत्तर चुनें:
A. तिरुक्कुरल 1. प्रेम कहानी
B. तोलकाप्पियम 2. दर्शनशास्त्र
C. शिलप्पदिकारम 3. व्यापारी कथा
D. मणिमेकलई 4. व्याकरण
(a) A-4, B-3, C-1, D-2
(b) A-4, B-2, C-3, D-1
(c) A-2, B-3, C-4, D-1
(d) A-2, B-4, C-1, D-3
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उत्तर ➲ उत्तर: (d) (A – 2, B – 4, C – 1, D – 3)
- तिरुक्कुरल – दर्शनशास्त्र
- तोलकाप्पियम – व्याकरण
- शिलप्पदिकारम – प्रेम कथा
- मणिमेकलई – व्यापारी कथा
(Q) शैव संतों की रचनाओं का संग्रह जिसे पंचम वेद माना जाता है, उसका नाम क्या है ?
(a) तोलकाप्पियम
(b) शिलप्पदिकारम
(c) मणिमेकलई
(d) तिरुमुरई
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उत्तर ➲ उत्तर: (d)
- तिरुमुरई एक बारह खंडों वाला ग्रंथ है, जिसमें छठी से ग्यारहवीं शताब्दी के बीच तमिल भाषा में शिव की स्तुति में लिखे गए भजन संकलित हैं।
- यह ग्रंथ वेदों और शैव आगमों के साथ दक्षिण भारत में शैव सिद्धांत दर्शन का आधार है।
(Q) परंपरा के अनुसार अलवार और नयनार संतों की संख्या कितनी है ?
(a) 12 और 63
(b) 12 और 53
(c) 23 और 63
(d) 23 और 53
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उत्तर ➲ उत्तर: (a)
- अलवार और नयनार संत दक्षिण भारत की भक्ति परंपरा के प्रसिद्ध संत कवि थे।
- अलवार संत विष्णु के भक्त थे, जिनकी संख्या 12 मानी जाती है। वहीं, नयनार संत शिव भक्ति से जुड़े थे, और इनकी संख्या 63 बताई जाती है।
(Q) संगम युग के साहित्य से संबंधित कौन-सा कथन सही है ?
(a) संगम कविताओं में भौतिक संस्कृति का कोई उल्लेख नहीं है।
(b) संगम कवियों को वर्ण व्यवस्था की जानकारी थी।
(c) संगम कविताओं में योद्धाओं की परंपरा का कोई उल्लेख नहीं है।
(d) संगम साहित्य में जादुई शक्तियों को अवैज्ञानिक माना गया है।
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उत्तर ➲ उत्तर: (b)
- संगम साहित्य तमिल भाषा का सबसे प्राचीन उपलब्ध साहित्य है।
- इसमें उस समय की सामाजिक, आर्थिक और धार्मिक स्थितियों का वर्णन किया गया है।
- संगम कविताएं तत्कालीन भौतिक संस्कृति, योद्धाओं की परंपरा और प्रकृति में मौजूद जादुई शक्तियों का भी उल्लेख करती हैं।
- इसके कवि वर्ण व्यवस्था से परिचित थे।
(Q) भारत और रोम के व्यापारिक संबंध किस पुरातात्विक स्थल से पता चले हैं ?
(a) मदुरै
(b) ताम्रलिप्ति
(c) टोंडी
(d) अरिकमेडु
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उत्तर ➲ उत्तर: (d)
- अरिकमेडु, जो पुडुचेरी के पास स्थित एक पुरातात्विक स्थल है, से भारत और रोम के बीच प्राचीन व्यापारिक संबंधों की जानकारी मिलती है।
- यहाँ एक अभिलेख मिला है जिसमें एक व्यक्ति की आकृति उकेरी गई है, जिसे रोम के सम्राट अगस्टस सीजर का चित्र माना जाता है।
- इसके अलावा यहाँ से बहुमूल्य पत्थर और मनके भी मिले हैं, जो रोमन साम्राज्य से संबंधित माने जाते हैं।
- फ्रांसीसी विद्वान ड्युब्रुइल ने इसे “एक वास्तविक रोमन नगर” कहा था।
(Q) पूर्वी भारत में प्रमुख इंडो-रोमन व्यापारिक केंद्र कौन सा था ?
(a) तमलुक
(b) राजगीर
(c) अरिकमेडु
(d) भागरापीर
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उत्तर ➲ उत्तर: (c)
- अरिकमेडु, जो पुडुचेरी के पास स्थित एक पुरातात्विक स्थल है, से भारत और रोम के बीच प्राचीन व्यापारिक संबंधों की जानकारी मिलती है।
- यहाँ एक अभिलेख मिला है जिसमें एक व्यक्ति की आकृति उकेरी गई है, जिसे रोम के सम्राट अगस्टस सीजर का चित्र माना जाता है।
- इसके अलावा यहाँ से बहुमूल्य पत्थर और मनके भी मिले हैं, जो रोमन साम्राज्य से संबंधित माने जाते हैं।
- फ्रांसीसी विद्वान ड्युब्रुइल ने इसे “एक वास्तविक रोमन नगर” कहा था।
(Q) इनमें से कौन सा कथन सही है ?
- चोलों ने पांड्य और चेरा शासकों को हराकर प्रारंभिक मध्यकाल में दक्षिण भारत में अपना वर्चस्व स्थापित किया।
- चोलों ने दक्षिण-पूर्व एशिया में शैलेन्द्र साम्राज्य के खिलाफ एक सैन्य अभियान भेजा और कुछ क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया।
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) दोनों 1 और 2
(d) न तो 1 और न ही 2
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उत्तर ➲ उत्तर: (c) दोनों 1 और 2
- चोल वंश की स्थापना परांतक-I ने की थी। उन्होंने मदुरै के राजा को हराकर “मदुरै-कौंड” की उपाधि धारण की।
- तंजावुर अभिलेख के अनुसार, राजा राजा-I ने कंडल्लूर में चेरों की नौसेना को हराया।
- इसके बाद, राजा राजा-I और उनके पुत्र राजेंद्र-I ने दक्षिण-पूर्व एशिया में शैलेन्द्र साम्राज्य के खिलाफ अभियान चलाया और कुछ क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया ताकि चीन के साथ व्यापार में आ रही बाधाओं को दूर किया जा सके।
(Q) चोल काल में बनी नटराज की कांस्य मूर्तियाँ किस रूप में दिखाई देती हैं ?
(a) आठ हाथों के साथ
(b) छह हाथों के साथ
(c) चार हाथों के साथ
(d) दो हाथों के साथ
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उत्तर ➲ उत्तर: (c) चार हाथों के साथ
- चोल काल के कलाकार (स्थपति) मूर्तिकला में अत्यंत निपुण थे।
- उन्होंने पत्थर और धातु की कई सुंदर मूर्तियाँ बनाई।
- विशेष रूप से, चोल काल की कांस्य नटराज मूर्तियाँ बहुत प्रसिद्ध हैं और इन्हें विश्व की सर्वश्रेष्ठ मूर्तियों में गिना जाता है।
- इनमें भगवान शिव को चार हाथों के साथ दर्शाया गया है, जो उनके विभिन्न शक्तियों का प्रतीक हैं।
(Q) दक्षिण भारत के स्थापतियों द्वारा, विशेष रूप से चोल काल में, बनाई गई दुनिया की सबसे महान मूर्तिकला कृति कौन सी मानी जाती है ?
(a) महिषासुरमर्दिनी
(b) नटराज
(c) राम
(d) सोमस्कंद
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उत्तर ➲ उत्तर: (b) नटराज
- चोल काल में बनी नटराज की कांस्य प्रतिमा को दुनिया की सबसे उत्कृष्ट मूर्तिकला कृतियों में से एक माना जाता है।
(Q) चोल युग की सबसे प्रसिद्ध मूर्तियाँ कौन सी थीं ?
(a) पत्थर की मूर्तियाँ
(b) संगमरमर की मूर्तियाँ
(c) विष्णु की मूर्तियाँ
(d) नटराज शिव की कांस्य मूर्तियाँ
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उत्तर ➲ उत्तर: (d) नटराज शिव की कांस्य मूर्तियाँ
- चोल युग में नटराज शिव की कांस्य मूर्तियाँ सबसे प्रसिद्ध थीं, जो अपनी सुंदरता और उत्कृष्ट कला के लिए जानी जाती हैं।
(Q) प्रसिद्ध नटराज की कांस्य प्रतिमा किस कला शैली का उत्कृष्ट उदाहरण है ?
(a) चोल कला
(b) गांधार कला
(c) गुप्त कला
(d) मौर्य कला
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उत्तर ➲ उत्तर: (a) चोल कला
- नटराज की कांस्य प्रतिमा चोल काल की कला का एक अद्भुत नमूना है, जो उनकी उत्कृष्ट मूर्तिकला को दर्शाती है।
(Q) भगवान शिव की ‘दक्षिणामूर्ति’ प्रतिमा उन्हें किस रूप में दर्शाती है ?
(a) शिक्षक
(b) नृत्य मुद्रा में
(c) विश्राम मुद्रा में
(d) ध्यान मुद्रा में
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उत्तर ➲ उत्तर: (a) शिक्षक
- दक्षिणामूर्ति की मूर्ति शिव को एक गुरु (शिक्षक) के रूप में प्रस्तुत करती है, जो अपने भक्तों को ज्ञान प्रदान करते हैं।
- यह मूर्ति दक्षिण दिशा की ओर स्थापित की जाती है।
(Q) ‘नटराज’ (नृत्य मुद्रा में भगवान शिव) की मूर्ति से संबंधित निम्नलिखित कथनों में से कौन सा सही है ?
- यह प्रतिमा चार भुजाओं वाले नृत्यरत शिव को दर्शाती है।
- शिव के दाहिने कान में पुरुषों की बालियां और बाएं कान में महिलाओं की बालियां होती हैं।
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) दोनों 1 और 2
(d) न तो 1 और न ही 2
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उत्तर ➲ उत्तर: (c) दोनों 1 और 2
नटराज की मूर्ति चार भुजाओं वाले नृत्यरत शिव को दर्शाती है। यह मूर्ति शिव को सृष्टि के निर्माता, पालक और संहारक के रूप में प्रस्तुत करती है।
शिव के चार हाथों में विभिन्न प्रतीक होते हैं –
- ऊपरी दाहिने हाथ में डमरू (जो सृष्टि की पहली ध्वनि उत्पन्न करता है)।
- ऊपरी बाएं हाथ में अग्नि (जो संहार का प्रतीक है)।
- निचले दाहिने हाथ में अभय मुद्रा।
- निचला बायां हाथ उठे हुए पैर की ओर इशारा करता है, जो संकटग्रस्त आत्माओं के लिए शरण का संकेत है।
इसके अलावा, उनके दाहिने कान में पुरुषों की बाली और बाएं कान में महिलाओं की बाली होती है, जो अर्धनारीश्वर (शिव और शक्ति का संयुक्त रूप) का प्रतीक है।
(Q) किस चोल शासक के शासनकाल में 72 व्यापारियों को चीन भेजा गया था ?
(a) कुलोत्तुंग-I
(b) राजेंद्र-I
(c) राजराज-I
(d) राजाधिराज-I
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उत्तर ➲ उत्तर: (a) कुलोत्तुंग-I
- चोल राजा कुलोत्तुंग-I के शासनकाल (1077 ई.) में 72 व्यापारियों का एक दल चीन भेजा गया था, जो उस समय चोलों के व्यापारिक संबंधों की शक्ति को दर्शाता है।
(Q) निम्नलिखित में से कौन सा दक्षिण भारतीय राज्य अपनी नौसेना शक्ति के लिए प्रसिद्ध था ?
(a) चोल
(b) चेरा
(c) पल्लव
(d) राष्ट्रकूट
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उत्तर ➲ उत्तर: (a) चोल
- चोल राजाओं की एक संगठित और मजबूत नौसेना थी, जिसने श्रीलंका, मलय (मलेशिया), सुमात्रा और मालदीव जैसे क्षेत्रों में नौसैनिक विजय प्राप्त की थी।
(Q) चोल राजाओं में से किसने बंगाल की खाड़ी को ‘चोल झील’ में बदल दिया ?
(a) राजराज-I
(b) राजेंद्र-I
(c) अधिराज
(d) कुलोत्तुंग
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उत्तर ➲ उत्तर: (b) राजेंद्र-I
- राजेंद्र चोल-I को भारत के सबसे महान शासकों और सैन्य रणनीतिकारों में से एक माना जाता है। उन्होंने अपने पिता राजराज चोल-I के बाद सत्ता संभाली।
- उन्होंने पूरे श्रीलंका को अपने साम्राज्य में मिला लिया और बंगाल में महिपाल को हराकर ‘गंगैकोंडा’ की उपाधि धारण की।
- उन्होंने गंगैकोंडा चोलपुरम नामक एक नया राजधानी शहर बसाया।
- चोलों की नौसेना क्षेत्र में सबसे शक्तिशाली थी, जिसने बंगाल की खाड़ी को अपने नियंत्रण में लेकर इसे ‘चोल झील’ में बदल दिया।
(Q) गंगैकोंडा चोलपुरम नगर की स्थापना किसने की थी ?
(a) राजराज-I
(b) राजाधिराज
(c) राजेंद्र-I
(d) विजयादित्य
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उत्तर ➲ उत्तर: (c) राजेंद्र-I
- गंगैकोंडा चोलपुरम नगर की स्थापना चोल सम्राट राजेंद्र-I ने की थी।
(Q) ‘चोल गंगम’ नामक विशाल कृत्रिम झील का निर्माण किस चोल शासक ने कराया था ?
(a) राजराज-I
(b) राजेंद्र
(c) राजाधिराज
(d) राजराज-II
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उत्तर ➲ उत्तर: (b) राजेंद्र
- चोल सम्राट राजेंद्र-I को ‘चोल गंगम’ नामक विशाल कृत्रिम झील बनाने का श्रेय दिया जाता है।
(Q) किस चोल राजा ने नौसेना (Naval Army) की स्थापना की ?
(a) राजेंद्र चोल
(b) परांतक चोल
(c) राजराज-I
(d) राजराज-II
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उत्तर ➲ उत्तर: (c) राजराज-I
- राजराज-I (985 ई.) के शासनकाल में चोल साम्राज्य का स्वर्ण युग शुरू हुआ।
- वे पहले चोल राजा थे जिन्होंने एक संगठित नौसेना (Naval Army) का गठन किया।
(Q) किस चोल राजा ने श्रीलंका के उत्तरी भाग को जीता था ?
(a) राजराज-I
(b) राजेंद्र-I
(c) परांतक-I
(d) आदित्य-I
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उत्तर ➲ उत्तर: (a) राजराज-I
- राजराज-I ने श्रीलंका पर आक्रमण कर उसकी राजधानी अनुराधापुर को नष्ट कर दिया था।
- उन्होंने श्रीलंका के उत्तरी भाग पर कब्जा किया, लेकिन दक्षिणी भाग स्वतंत्र रहा। बाद में, उनके पुत्र राजेंद्र-I ने पूरे श्रीलंका को जीतकर उसे चोल साम्राज्य में मिला लिया।
(Q) किस चोल राजा ने संपूर्ण श्रीलंका (Ceylon) पर विजय प्राप्त की थी ?
(a) आदित्य-I
(b) राजराज-I
(c) राजेंद्र-I
(d) विजयालय
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उत्तर ➲ उत्तर: (c) राजेंद्र-I
- राजेंद्र-I ने संपूर्ण श्रीलंका को अपने साम्राज्य में शामिल किया और सिंहल के राजा महेन्द्र-V को हराया।
(Q) किस चोल राजा ने श्रीलंका को स्वतंत्रता दी और अपनी बेटी का विवाह सिंहल राजकुमार से किया ?
(a) कुलोत्तुंग-I
(b) राजेंद्र
(c) अधिराजेंद्र
(d) राजाधिराज-I
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उत्तर ➲ उत्तर: (a) कुलोत्तुंग-I
- कुलोत्तुंग-I के शासनकाल में सिंहल (श्रीलंका) के राजा विजयबाहु ने स्वतंत्रता की घोषणा की।
- कुलोत्तुंग-I ने इसे सहजता से स्वीकार किया और अपनी बेटी का विवाह सिंहल राजकुमार वीरप्परुमल से कर दिया।
(Q) निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है ?
कथन (A): चोलों के बारे में हमें उनके पूर्ववर्ती राजवंशों की तुलना में अधिक जानकारी उपलब्ध है।
कारण (R): चोल शासकों ने अपने विजय अभियानों का इतिहास मंदिरों की दीवारों पर शिलालेखों के रूप में अंकित कराया।
सही उत्तर चुनें:
(a) (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) की सही व्याख्या करता है।
(b) (A) और (R) दोनों सही हैं, लेकिन (R), (A) की सही व्याख्या नहीं करता।
(c) (A) सही है लेकिन (R) गलत है।
(d) (A) गलत है लेकिन (R) सही है।
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उत्तर ➲ उत्तर: (a) (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) की सही व्याख्या करता है।
- हमें चोल राजाओं के बारे में अधिक जानकारी इसलिए उपलब्ध है क्योंकि उन्होंने अपने विजय अभियानों को मंदिरों की दीवारों पर शिलालेखों के रूप में अंकित कराया।
- यह परंपरा राजराज-I द्वारा शुरू की गई थी, जिसे उनके उत्तराधिकारियों ने भी अपनाया। इसलिए, दोनों कथन सही हैं और कारण (R) ही कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
(Q) भारतीय इतिहास के संदर्भ में निम्नलिखित शब्दों का सही अर्थ क्या है ?
- एरिपट्टी (Eripatti) – वह भूमि, जिससे प्राप्त राजस्व गांव के तालाब के रखरखाव के लिए रखा जाता था।
- तानियूर (Taniyurs) – बहुत बड़े गांव, जिन्हें प्रशासनिक इकाई के रूप में एकल रूप से संचालित किया जाता था।
- घाटिका (Ghatikas) – मंदिरों से जुड़े कॉलेज या शिक्षा संस्थान।
(a) 1 और 2
(b) 3 केवल
(c) 2 और 3
(d) 1 और 3
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उत्तर ➲ उत्तर: (d) 1 और 3
- एरिपट्टी (Eripatti) और घाटिका (Ghatikas) का सही अर्थ दिया गया है, लेकिन तानियूर (Taniyurs) का सही अर्थ यह है कि यह बड़े गांव होते थे, जिन्हें एकल प्रशासनिक इकाई के रूप में चलाया जाता था, न कि केवल ब्राह्मणों को दान किए गए गांव। इसलिए, 1 और 3 सही हैं।
(Q) प्राचीन भारत में निम्नलिखित में से कौन-सा संगठन विदेशी व्यापार से संबंधित था ?
(a) श्रेणि (Sreni)
(b) नगरम (Nagaram)
(c) नानादेशी (Nanadesis)
(d) मणिग्राम (Manigrama)
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उत्तर ➲ उत्तर: (c) नानादेशी और (d) मणिग्राम
- श्रेणि (Sreni) व्यापारियों, कारीगरों और व्यापारिक संघों का संगठन था।
- नगरम (Nagaram) स्थानीय व्यापारियों का एक समूह था, जो व्यापारिक गतिविधियों को संचालित करता था।
- नानादेशी (Nanadesis) और मणिग्राम (Manigrama) व्यापारियों के बड़े संघ थे, जो विशेष रूप से होयसल साम्राज्य के दौरान संगठित होकर बड़े पैमाने पर व्यापार करते थे।
- इन व्यापारिक संघों के माध्यम से विदेशी व्यापार को बढ़ावा दिया गया था।
(Q) चोल साम्राज्य की स्थापना किसने की ?
(a) कृष्ण- I
(b) राजराजा चोल
(c) विजयालय
(d) परांतक
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उत्तर ➲ उत्तर: (c) विजयालय
- 9वीं शताब्दी में विजयालय (850 ई.) ने चोल साम्राज्य की स्थापना की।
- इससे पहले संगम साहित्य में चोलों का वर्णन मिलता है, लेकिन विजयालय के आने से चोल वंश दोबारा शक्तिशाली बना।
(Q) निम्नलिखित में से किस मंदिर में भारत की सबसे बड़ी नंदी प्रतिमा स्थित है ?
(a) बृहदेश्वर मंदिर
(b) लिंगराज मंदिर
(c) कंदरिया महादेव मंदिर
(d) लेपाक्षी मंदिर
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उत्तर ➲ उत्तर: (a) बृहदेश्वर मंदिर
- बृहदेश्वर मंदिर चोल काल की द्रविड़ शैली की उत्कृष्ट रचना है, जिसे राजराजा-I के शासनकाल में बनवाया गया था।
- यह भारत का सबसे ऊँचा और विशाल मंदिर माना जाता है।
- इसके गर्भगृह के बाहर एक विशाल नंदी की प्रतिमा है, जिसे एक ही पत्थर से बनाया गया है और यह भारत की सबसे बड़ी नंदी प्रतिमा मानी जाती है।
(Q) थंजावुर स्थित बृहदेश्वर मंदिर का निर्माण किस चोल शासक के समय हुआ था ?
(a) परांतक-I
(b) राजराजा-I
(c) राजेंद्र-I
(d) राजाधिराज-I
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उत्तर ➲ उत्तर: (b) राजराजा-I
(Q) चोल साम्राज्य का विस्तार किस क्षेत्र में हुआ था ?
(a) विजयनगर क्षेत्र
(b) मलाबार तट
(c) होयसाल
(d) कोरोमंडल तट और दक्कन के कुछ क्षेत्र
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उत्तर ➲ उत्तर: (d) कोरोमंडल तट और दक्कन के कुछ क्षेत्र
- चोल साम्राज्य का विस्तार दक्षिण भारत से लेकर उत्तर में तुंगभद्रा और कृष्णा नदी तक था।
- इसमें कोरोमंडल तट और दक्कन के कई क्षेत्र जैसे – उरैयूर, कावेरीपट्टिनम और थंजावुर शामिल थे।
(Q) चोल साम्राज्य की राजधानी कौन सी थी ?
(a) कावेरीपट्टिनम
(b) महाबलीपुरम
(c) कांची
(d) तंजौर
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उत्तर ➲ उत्तर: (d) तंजौर
- प्रारंभ में चोलों की राजधानी संगम युग में उरैयूर थी, लेकिन बाद में तंजौर को उनकी राजधानी बनाया गया, बाद में गंगैकोंडचोलपुरम भी उनकी राजधानी बना।
(Q) चोल शासन की विशेषता क्या थी ?
(a) साम्राज्य का मंडलों में विभाजन
(b) गांवों की स्वायत्त प्रशासन प्रणाली
(c) मंत्रियों को पूर्ण अधिकार
(d) उचित और सस्ता कर संग्रहण
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उत्तर ➲ उत्तर: (b) गांवों की स्वायत्त प्रशासन प्रणाली
- चोल शासन की सबसे खास विशेषता थी गांवों की स्वायत्त प्रशासन प्रणाली।
- उनके शासनकाल में गांवों का प्रशासन अत्यधिक संगठित और विकसित था।
(Q) चोल युग किस चीज़ के लिए सबसे अधिक प्रसिद्ध था ?
(a) ग्राम सभाएं
(b) राष्ट्रकूटों के साथ युद्ध
(c) श्रीलंका के साथ व्यापार
(d) तमिल संस्कृति का विकास
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उत्तर ➲ उत्तर: (a) ग्राम सभाएं
- चोल शासन गांवों की स्वायत्त प्रशासन प्रणाली के लिए प्रसिद्ध था, जहां ग्राम सभाओं का महत्वपूर्ण योगदान था।
(Q) चोल काल किसके लिए प्रसिद्ध था ?
(a) धार्मिक विकास
(b) ग्राम सभाएँ
(c) राष्ट्रकूटों से युद्ध
(d) श्रीलंका के साथ व्यापार
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उत्तर ➲ उत्तर: (b) ग्राम सभाएँ
- चोल काल में गाँवों की प्रशासनिक व्यवस्था बहुत ही संगठित थी, जहाँ ग्राम सभाएँ (स्थानीय पंचायतें) प्रशासन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थीं।
(Q) दक्षिण भारत में किस राज्य की ग्रामीण प्रशासन प्रणाली सबसे अच्छी थी ?
(a) चेरा
(b) चालुक्य
(c) चोल
(d) वातापी
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उत्तर ➲ उत्तर: (c) चोल
- चोल साम्राज्य अपने सुव्यवस्थित ग्राम प्रशासन के लिए जाना जाता था, जिसमें गाँवों को स्वायत्तता दी गई थी।
(Q) किस राजवंश के प्रशासन की विशेषता ग्रामीण स्वायत्तता थी ?
(a) चेरा
(b) चोल
(c) पांड्य
(d) पल्लव
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उत्तर ➲ उत्तर: (b) चोल
- चोल शासन में गाँवों को स्वतंत्र रूप से अपने मामलों का प्रबंधन करने का अधिकार दिया गया था, जो उनकी प्रशासनिक प्रणाली की विशेषता थी।
(Q) कौन सा राजवंश प्रभावी ग्रामीण प्रशासन के लिए प्रसिद्ध था ?
(a) चोल
(b) राष्ट्रकूट
(c) चालुक्य
(d) पल्लव
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उत्तर ➲ उत्तर: (a) चोल
- चोल वंश ने एक संगठित ग्रामीण प्रशासन प्रणाली विकसित की थी, जिससे गाँवों को स्वतंत्र रूप से कार्य करने की अनुमति थी।
(Q) मध्यकालीन भारत में किस साम्राज्य में सबसे विकसित स्थानीय स्वशासन प्रणाली थी ?
(a) चालुक्य
(b) चोल
(c) सोलंकी
(d) परमार
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उत्तर ➲ उत्तर: (b) चोल
- चोल साम्राज्य अपनी विस्तृत और प्रभावी स्थानीय स्वशासन प्रणाली के लिए जाना जाता था, जिसमें ग्राम सभाओं को प्रशासन का अधिकार दिया गया था।
(Q) चोल शासन के दौरान गाँवों के प्रशासन से संबंधित सबसे विस्तृत जानकारी किस अभिलेख से प्राप्त होती है ?
(a) तंजावुर
(b) उरैयूर
(c) कांचीपुरम
(d) उत्तरमेरूर
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उत्तर ➲ उत्तर: (d) उत्तरमेरूर
- उत्तरमेरूर अभिलेख से चोल काल की ग्राम सभा (ग्राम प्रशासन) की कार्यप्रणाली का विस्तृत विवरण मिलता है।
- यह दर्शाता है कि प्रत्येक गाँव में एक ‘सभा’ होती थी, जो पूरी तरह से स्वतंत्र रूप से प्रशासन चलाती थी।
(Q) चोल शासन के दौरान निम्नलिखित में से कौन सा ‘वरियम’ बागवानी प्रशासन की देखरेख करता था ?
(a) पोन वरियम
(b) एरी वरियम
(c) थोत्ता वरियम
(d) संवत्सर वरियम
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उत्तर ➲ उत्तर: (c) थोत्ता वरियम
- चोल शासन में गाँवों के कार्यों की निगरानी के लिए विभिन्न ‘वरियम’ (समितियाँ) बनाई गई थीं।
- ‘थोत्ता वरियम’ बागवानी (उद्यान) का प्रबंधन करता था, ‘संवत्सर वरियम’ वार्षिक समिति थी, ‘एरी वरियम’ जलाशयों और जल आपूर्ति की देखरेख करता था, और ‘पोन वरियम’ वित्त एवं सोने से संबंधित कार्यों को देखता था।
(Q) प्राचीन भारत में कौन-सा व्यापारिक केंद्र कल्याण और वेंगी को जोड़ने वाले व्यापार मार्ग पर स्थित था ?
(a) तगर (Tagara)
(b) श्रीपुर (Sripur)
(c) त्रिपुरी (Tripuri)
(d) ताम्रलिप्ति (Tamralipti)
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उत्तर ➲ उत्तर: (a) तगर
- तगर (Tagara) प्राचीन भारत का एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र था, जो कल्याण और वेंगी के बीच स्थित था।
- यह व्यापार मार्ग पर एक महत्वपूर्ण पड़ाव था, जहाँ व्यापारी अपने माल का आदान-प्रदान करते थे।
(Q) चालुक्य वंश का सबसे महान राजा कौन था ?
(a) विक्रमादित्य (Vikramaditya)
(b) मंगलेश (Manglesh)
(c) पुलकेशिन-II (Pulakesin-II)
(d) पुलकेशिन-I (Pulakesin-I)
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उत्तर ➲ उत्तर: (c) पुलकेशिन-II
- पुलकेशिन-II चालुक्य वंश के सबसे प्रतापी शासक थे, जिन्होंने 610 से 642 ईस्वी तक शासन किया।
- ऐहोल शिलालेख में उनके शासनकाल की उपलब्धियों का उल्लेख किया गया है।
(Q) निम्नलिखित में से किस राजवंश ने महिलाओं को प्रशासन में उच्च पद दिए ?
(a) चोल (Chola)
(b) चालुक्य (Chalukya)
(c) पाल (Pala)
(d) सेन (Sena)
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उत्तर ➲ उत्तर: (b) चालुक्य
- चालुक्य वंश में महिलाओं को प्रशासन में महत्वपूर्ण पद दिए गए।
- विजया भट्टरिका, जो चंद्रादित्य (विक्रमादित्य-I के भाई) की रानी थीं, ने अपने नाम से ताम्रपत्र जारी किए।
- कुमकुमादेवी, जो विक्रमादित्य की छोटी बहन थीं, ने भी प्रशासन में योगदान दिया।
(Q) चालुक्य वंश की राजधानी कहाँ स्थित थी ?
(a) वातापी (Vatapi)
(b) श्रावस्ती (Shravasti)
(c) कांची (Kanchi)
(d) कन्नौज (Kannauj)
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उत्तर ➲ उत्तर: (a) वातापी
- वर्तमान में वातापी (Vatapi) को बादामी (Badami) के नाम से जाना जाता है। यह 6वीं-7वीं शताब्दी में चालुक्य वंश की राजधानी थी।
- पुलकेशिन-I ने इसे अपने साम्राज्य की राजधानी बनाया।
(Q) प्रसिद्ध कवि कालिदास का नाम किस शिलालेख में उल्लेखित है ?
(a) इलाहाबाद स्तंभ लेख (Allahabad Pillar Inscription)
(b) ऐहोल शिलालेख (Aihole Inscription)
(c) आलापाडु अनुदान (Alapadu Grant)
(d) हनुमानकोंडा शिलालेख (Hanumankonda Inscription)
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उत्तर ➲ उत्तर: (b) ऐहोल शिलालेख
- ऐहोल शिलालेख संस्कृत और दक्षिणी ब्राह्मी लिपि में लिखा गया था।
- इसे रविकीर्ति ने लिखा था और इसमें पुलकेशिन-II की विजय का वर्णन है।
- इसमें कवि कालिदास और भारवि का उल्लेख भी किया गया है।
(Q) कवि कालिदास का उल्लेख किस शिलालेख में मिलता है ?
(a) पुलकेशिन-II के ऐहोल शिलालेख में
(b) मिहिर भोज के ग्वालियर शिलालेख में
(c) कुमारगुप्त-I के करमडंड शिवलिंग शिलालेख में
(d) चंद्रगुप्त-II के मथुरा स्तंभ शिलालेख में
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उत्तर ➲ उत्तर: (a) पुलकेशिन-II के ऐहोल शिलालेख में
- ऐहोल शिलालेख संस्कृत और दक्षिणी ब्राह्मी लिपि में लिखा गया था।
- इसे रविकीर्ति ने लिखा था और इसमें पुलकेशिन-II की विजय का वर्णन है।
- इसमें कवि कालिदास और भारवि का उल्लेख भी किया गया है।
(Q) 642 ईस्वी में किस राजा ने श्रीलंका (Ceylon) पर दो नौसैनिक अभियान भेजे थे ?
(a) राजराज (Rajaraja)
(b) नरसिंहवर्मन-I (Narasimha Verman I)
(c) कीर्तिवर्मन-I (Kirti Verman I)
(d) जयसिंह-I (Jayasinha I)
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उत्तर ➲ उत्तर: (b) नरसिंहवर्मन-I
- नरसिंहवर्मन-I पल्लव वंश के राजा थे, जिन्होंने 630 से 668 ईस्वी तक दक्षिण भारत पर शासन किया।
- उन्हें ‘महामल्ल’ (महान पहलवान) कहा जाता था।
- उनके शासनकाल में पंच रथ मंदिरों का निर्माण हुआ।
- उन्होंने चालुक्य साम्राज्य की राजधानी वातापी (Vatapi) को जीतकर ‘वातापिकोंडा’ की उपाधि धारण की।
- 642 ईस्वी में उन्होंने श्रीलंका में दो नौसैनिक अभियान भेजे ताकि वहां के राजकुमार को सहायता मिल सके।
(Q) संस्कृत ग्रंथों में ‘यवनप्रिय’ शब्द का क्या अर्थ था ?
(a) एक उत्तम किस्म की भारतीय मलमल (muslin)
(b) हाथीदांत (Ivory)
(c) ग्रीक दरबार में भेजी गई नर्तकियां
(d) काली मिर्च (Pepper)
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उत्तर ➲ उत्तर: (d) काली मिर्च (Pepper)
प्राचीन भारतीय काली मिर्च रोमन व्यंजनों में सबसे महंगा मसाला थी। चूंकि यह ग्रीक और रोमन लोगों की पसंदीदा वस्तु थी, इसलिए इसे संस्कृत में ‘यवनप्रिय’ (यूनानियों की प्रिय वस्तु) कहा जाता था।
- चालुक्य, चोल, और पल्लव राजवंशों का शासनकाल महत्वपूर्ण था।
- व्यापारिक संगठनों जैसे नानादेशी और मणिग्राम ने विदेशी व्यापार को बढ़ावा दिया।
- तगर एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र था।
- पुलकेशिन-II चालुक्य वंश के सबसे महान राजा थे।
- महिलाओं को चालुक्य शासन में प्रशासन में उच्च पद दिए गए थे।
- नरसिंहवर्मन-I ने श्रीलंका पर नौसैनिक अभियान भेजे।
- ‘यवनप्रिय’ शब्द का अर्थ था काली मिर्च, जो रोमन साम्राज्य में बहुत लोकप्रिय थी।
(Q) हलबी किस भाषा परिवार से संबंधित है ?
(a) आर्य
(b) द्रविड़
(c) मुंडारी
(d) इनमें से कोई नहीं
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उत्तर ➲ उत्तर: (a) आर्य
- हलबी एक पूर्वी इंडो-आर्य भाषा है, जो छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में बोली जाती है।
- यह उड़िया और मराठी के बीच की एक संपर्क भाषा मानी जाती है। .
- हलबी भाषा को उड़िया और देवनागरी लिपि में लिखा जाता है।
(Q) तोलकाप्पियम ग्रंथ किस विषय से संबंधित है ?
(a) प्रशासन
(b) कानून
(c) व्याकरण और काव्य
(d) उपरोक्त सभी
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उत्तर ➲ उत्तर: (c) व्याकरण और काव्य
(Q) संगम साहित्य का ‘तोलकाप्पियम’ किस पर आधारित है ?
(a) खगोलशास्त्र
(b) व्याकरण
(c) संगीत
(d) चिकित्सा
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उत्तर ➲ उत्तर: (b) व्याकरण
- तोलकाप्पियम संगम युग का सबसे प्राचीन ग्रंथ है और यह तमिल साहित्य में उपलब्ध सबसे पुराना ग्रंथ माना जाता है।
- इसके रचयिता तोलकाप्पियर थे, जो संत अगस्त्य के 12 शिष्यों में से एक थे।
- यह ग्रंथ तमिल भाषा के व्याकरण और काव्य शास्त्र पर आधारित है।
- इसमें तीन भाग हैं जो क्रमशः “एझुथु” (अक्षर), “सोल” (शब्द), और “पुरुल” (विषय-वस्तु) पर चर्चा करते हैं।
(Q) ‘पेरिप्लस ऑफ द एरिथ्रियन सी’ के लेखक ने किस बंदरगाह को ‘पोडुके’ कहा था ?
(a) अरिकमेडु
(b) ताम्रलिप्ति
(c) कोरकई
(d) बार्बरिकम
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उत्तर ➲ उत्तर: (a) अरिकमेडु
(Q) रोमन बस्ती कहाँ पाई गई है ?
(a) कालीबंगा
(b) अरिकमेडु
(c) रंगपुर
(d) सतारा
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उत्तर ➲ उत्तर: (b) अरिकमेडु
(Q) एम्फोरा जार क्या है ?
(a) छिद्रित जार
(b) लंबा, दो हैंडल वाला जार
(c) चित्रित ग्रे जार
(d) काले और लाल मिट्टी का जार
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उत्तर ➲ उत्तर: (b) लंबा, दो हैंडल वाला जार
- एम्फोरा जार प्राचीन काल का एक लंबा, संकरा गर्दन वाला जार होता था, जिसके दोनों ओर हैंडल होते थे।
- इसका उपयोग प्राचीन रोम में तेल और शराब रखने के लिए किया जाता था।
(Q) संगम साहित्य में निम्नलिखित में से किस राजवंश का उल्लेख नहीं है ?
(a) कदंब
(b) चेरा
(c) चोल
(d) पांड्य
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उत्तर ➲ उत्तर: (a) कदंब
- संगम साहित्य में चोल, चेरा और पांड्य राजवंशों का उल्लेख मिलता है, लेकिन कदंब वंश का कोई उल्लेख नहीं है।
(Q) संगम काल में निम्नलिखित में से कौन सा राजवंश शासक नहीं था ?
(a) चेरा
(b) चोल
(c) पल्लव
(d) पांड्य
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उत्तर ➲ उत्तर: (c) पल्लव
- संगम काल में चोल, चेरा और पांड्य तीन प्रमुख शासक वंश थे, जबकि पल्लव इस युग के शासक नहीं थे।
(Q) धार्मिक काव्य संग्रह ‘कुरल’ किस भाषा में लिखा गया था ?
(a) ग्रीक
(b) तमिल
(c) तेलुगु
(d) पाली
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उत्तर ➲ उत्तर: (b) तमिल
- ‘कुरल’ को तमिल साहित्य का बाइबिल और लघुवेद कहा जाता है।
- इसे ‘मुप्पाल’ के नाम से भी जाना जाता है और इसके लेखक तिरुवल्लुवर थे।
(Q) निम्नलिखित में से किस तमिल ग्रंथ को ‘लघुवेद’ कहा जाता है ?
(a) नंदीकलंबकम
(b) कलिंगट्टुपरणी
(c) पेरियापुराणम
(d) कुरल
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उत्तर ➲ उत्तर: (d) कुरल
- तमिल ग्रंथ ‘कुरल’ को लघुवेद कहा जाता है और इसे तिरुवल्लुवर ने लिखा था।
(Q) संगम साहित्य में वर्णित ‘वट्टकिरुतल’ प्रथा क्या थी ?
(a) राजा महिलाओं को अंगरक्षक नियुक्त करते थे
(b) विद्वान धार्मिक और दार्शनिक चर्चाओं के लिए राज दरबार में एकत्र होते थे
(c) युवा लड़कियां खेतों की रखवाली करती थीं
(d) युद्ध में पराजित राजा अनशन करके आत्महत्या कर लेता था
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उत्तर ➲ उत्तर: (d) युद्ध में पराजित राजा अनशन करके आत्महत्या कर लेता था
- ‘वट्टकिरुतल’ संगम काल की एक प्रथा थी, जिसमें युद्ध में पराजित राजा अनशन करके प्राण त्याग देता था।
(Q) तमिल रामायण या ‘रामावतारम’ के लेखक कौन थे ?
(a) कंबन
(b) कुट्टन
(c) नन्नय
(d) तिक्कना
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उत्तर ➲ उत्तर: (a) कंबन
- ‘रामावतारम’ या तमिल रामायण को कंबन ने लिखा था।
(Q) मध्यकालीन भारत की सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-से कथन सही हैं ?
- तमिल क्षेत्र के सिध्द (सिद्धर) एकेश्वरवादी थे और मूर्तिपूजा का विरोध करते थे।
- कन्नड़ क्षेत्र के लिंगायत पुनर्जन्म के सिद्धांत को नकारते थे और जाति प्रथा को अस्वीकार करते थे।
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) दोनों 1 और 2
(d) न तो 1 और न ही 2
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उत्तर ➲ उत्तर: (c) दोनों 1 और 2
- सिद्ध संप्रदाय की उत्पत्ति संगम काल में हुई थी, हालांकि यह शब्द संगम साहित्य में नहीं मिलता।
- वे एकेश्वरवादी थे और मूर्तिपूजा का विरोध करते थे।
- लिंगायत संप्रदाय ने जाति प्रथा का विरोध किया और पुनर्जन्म के सिद्धांत को भी अस्वीकार किया।
- वे विधवाओं के पुनर्विवाह और बाल विवाह के विरोधी थे। इसलिए दोनों कथन सही हैं।
(Q) सूची- I को सूची- II से मिलाइए और सही उत्तर चुनिए:
सूची- I (वंश) सूची- II (स्थल)
A. गुप्त 1. बादामी
B. चंदेल 2. पनामलाई
C. चालुक्य 3. खजुराहो
D. पल्लव 4. देवगढ़
(a) A-4, B-3, C-1, D-2
(b) A-4, B-2, C-3, D-1
(c) A-2, B-3, C-4, D-1
(d) A-3, B-4, C-1, D-2
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उत्तर ➲ उत्तर: (a) A-4, B-3, C-1, D-2
- देवगढ़ (उत्तर प्रदेश) में स्थित दशावतार मंदिर गुप्त काल का है।
- खजुराहो चंदेल वंश के समृद्ध कला और संस्कृति का प्रमाण है।
- चालुक्य वंश की राजधानी बादामी (कर्नाटक) थी।
- पल्लव वंश से जुड़ा स्थल पनामलाई है।
(Q) प्राचीन भारत में निम्नलिखित में से कौन एक व्यापारियों का संघ था ?
(a) चतुर्वेदीमंगलम
(b) परिषद
(c) अष्टदिग्गज
(d) मणिग्रामम
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उत्तर ➲ उत्तर: (d) मणिग्रामम
- प्राचीन दक्षिण भारतीय नगरों में कई व्यापारिक संघ मौजूद थे, जैसे मणिग्रामम, नानादेशी और वलांजियार।
- इन संघों का मुख्य उद्देश्य व्यापार को बढ़ावा देना और व्यापारियों के हितों की रक्षा करना था।
(Q) दक्षिण भारत का प्रसिद्ध ‘तक्कोलम का युद्ध’ किनके बीच हुआ था ?
(a) चोल और उत्तर चालुक्य
(b) चोल और राष्ट्रकूट
(c) चोल और होयसाल
(d) चोल और पांड्य
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उत्तर ➲ उत्तर: (b) चोल और राष्ट्रकूट
- ‘तक्कोलम का युद्ध’ चोल राजा परांतक प्रथम के पुत्र राजादित्य और राष्ट्रकूट राजा कृष्ण तृतीय की सेना के बीच हुआ था।
- इस युद्ध में पश्चिमी गंगा और वैदुंभ वंश के शासकों ने भी राष्ट्रकूटों का साथ दिया था।
(Q) संगम काल में ‘उरैयूर’ किस कारण प्रसिद्ध था ?
(a) मसालों का प्रमुख व्यापारिक केंद्र
(b) कपास का प्रमुख व्यापारिक केंद्र
(c) विदेशी व्यापार का प्रमुख केंद्र
(d) आंतरिक व्यापार का प्रमुख केंद्र
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उत्तर ➲ उत्तर – (b) कपास का प्रमुख व्यापारिक केंद्र
- संगम युग में उरैयूर, जो वर्तमान तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले में कावेरी नदी के किनारे स्थित था, एक महत्वपूर्ण नगर था।
- इसे कोळी और वरनम नामों से भी जाना जाता था। यह स्थान विशेष रूप से कपास उत्पादन और व्यापार के लिए प्रसिद्ध था।
- ‘Periplus of the Erythraean Sea’ नामक यूनानी ग्रंथ में भी इसका उल्लेख मिलता है।
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